Kishori IVF

IUI सरल और किफायती है लेकिन इसकी सफलता दर 15–20% है। IVF जटिल लेकिन अधिक सफल (50–60%) है और गंभीर मामलों में सर्वोत्तम विकल्प है।

परिचय

बांझपन (Infertility) आज भारत में लाखों दंपतियों के लिए भावनात्मक और शारीरिक चुनौती है। जब बार-बार कोशिश करने के बावजूद प्राकृतिक गर्भधारण संभव नहीं हो पाता, तब डॉक्टर दो प्रमुख तकनीकों की सलाह देते हैं – IUI (Intrauterine Insemination) और IVF (In Vitro Fertilization)। अक्सर मरीज और परिवार यह सोचकर उलझन में पड़ जाते हैं कि आखिर किस विकल्प को चुना जाए। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

IUI क्या है?

Intrauterine Insemination (IUI) एक सरल और कम खर्चीली तकनीक है, जिसमें पुरुष के स्वस्थ शुक्राणुओं को प्रयोगशाला में अलग कर सीधे महिला के गर्भाशय (Uterus) में डाला जाता है। यह प्रक्रिया ovulation के समय की जाती है ताकि गर्भधारण की संभावना अधिक रहे।

IUI कब कारगर है?

  • जब शुक्राणुओं की संख्या थोड़ी कम हो
  • जब सर्वाइकल म्यूकस (cervical mucus) sperm को आगे बढ़ने से रोक रहा हो
  • शुरुआती infertility के मामलों में

unexplained infertility (जब कोई स्पष्ट कारण नहीं मिल रहा हो)

IUI की लागत और सफलता

  • लागत: लगभग ₹10,000 – ₹20,000 प्रति चक्र

  • सफलता दर: 15–20%

आसान भाषा में कहा जाए तो IUI शुरुआती और हल्के मामलों में एक practical विकल्प है।

IVF क्या है?

In Vitro Fertilization (IVF) एक एडवांस तकनीक है जिसमें महिला के अंडाणु (eggs) और पुरुष के शुक्राणु (sperms) को प्रयोगशाला में मिलाकर भ्रूण (embryo) बनाया जाता है।
इसके बाद इस भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है।

IVF कब कारगर है?

  • PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) की स्थिति में
  • जब Fallopian tubes blocked हों
  • पुरुष में sperm quality बहुत कमजोर हो
  • repeated miscarriages हों
  • unexplained infertility (जब IUI से भी सफलता न मिले)

IVF की लागत और सफलता

  • लागत: लगभग ₹80,000 – ₹1.5 लाख प्रति चक्र
  • सफलता दर: 50–60%

IVF को अक्सर “final hope” माना जाता है, क्योंकि यह गंभीर infertility मामलों में भी गर्भधारण की संभावना बढ़ा देता है।

IVF vs IUI: तुलना

पहलू

IUI (Intrauterine Insemination)

IVF (In Vitro Fertilization)

लागत

किफायती (₹10–20k)

महंगा (₹80k–1.5L)

जटिलता

सरल प्रक्रिया

जटिल और एडवांस तकनीक

सफलता दर

15–20%

50–60%

उपयुक्तता

शुरुआती और हल्के मामले

गंभीर और जटिल मामले

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल / Frequently Asked Questions)

👉 हाँ, लेकिन सफलता दर कम होती है।

👉 Yes, but the success rate is relatively low.

👉 क्योंकि यह प्राकृतिक बाधाओं (जैसे blocked tubes या कमजोर शुक्राणु) को bypass करता है।

👉 Because it bypasses natural barriers such as blocked tubes or weak sperm.

👉 नहीं, सीधे IVF भी कराया जा सकता है, खासकर गंभीर मामलों में।

👉 No, couples can directly opt for IVF, especially in complex or severe cases.

👉 नहीं, दोनों ही सुरक्षित और लगभग painless होती हैं।

👉 No, both procedures are safe and almost painless.

निष्कर्ष:

IUI और IVF दोनों ही बांझपन के इलाज में असरदार तकनीकें हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि –

  • हल्के और शुरुआती मामलों में IUI बेहतर है।

  • गंभीर और जटिल मामलों में IVF सबसे सफल विकल्प है।

हर दंपति का केस अलग होता है, इसलिए सही निर्णय केवल विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह से ही लिया जाना चाहिए।

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